17 अप्रैल 2011
चेन्नई। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक अधिकारी ने कहा कि इसरो जून तक पांच उपग्रह प्रक्षेपित करेगा जिनमें एक उन्नत दूर संवेदी और दो संचार उपग्रह शामिल हैं।
पहला उपग्रह रेसोर्ससेट-2 इस महीने 20 तारीख को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन और प्रबंधन करना तथा जानकारियां जुटाना है। इसके साथ दो अन्य उपग्रह भी प्रक्षेपित किए जाएंगे।
दूर संवेदी उपग्रहों के क्षेत्र में भारत की क्षमता दुनिया में सबसे ज्यादा है। बेहतर गुणवत्ता और सटीक जानकारियां उपलब्ध कराने से भारत वैश्विक बाजार में इस क्षेत्र में बड़ा सूचना प्रदाता बन गया है।
इसरो जून तक दो संचार उपग्रह जीसैट-8 और जीसैट-12 का प्रक्षेपण करेगा। जीसैट-8 फ्रैंच गुयाना और जीसैट-12 भारत से प्रक्षेपित किया जाएगा। इन उपग्रहों से देश में दूरसंचार और टेलीविजन क्षेत्र की जरूरतें पूरी होंगी।
आईएएनएस से बात करते हुए इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि जीसैट-8 से देश में संचार ट्रांसपोंडरों की बढ़ती मांग की पूर्ति होगी।
इसके अलावा भारत तीन टन भार वाले उपग्रह प्रक्षेपण की क्षमता वाले रॉकेट विकसित करने की प्रक्रिया में है। जीसैट-8 को इस साल मई में फ्रेंच गुयाना के एरिना रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।
इसके बाद धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के जरिए आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा से जीसैट-12 का प्रक्षेपण किया जाएगा।
12 सी बैंड ट्रांसपोंडर वाले कुल 1,425 किलोग्राम वजन के जीसैट-12 का प्रक्षेपण जून महीने में किया जाएगा।
इसरो अधिकारी के मुताबिक जीसैट-12 उपग्रह को प्रक्षेपित करने वाले पीएसएलवी रॉकेट का वजन 300 टन से ज्यादा होगा जो कि मानक पीएसएलवी के 290 टन वजन से ज्यादा होगा।
20 अप्रैल को प्रक्षेपित किए जाने वाले तीन उपग्रहों का प्रक्षेपण पूर्व कार्य शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत 1,200 किलोग्राम के रेसोर्ससेट-2, 92 किलोग्राम के भारत-रूस निर्मित नैनोसैटेलाइट यूथसेट और 105 किलोग्राम का माइक्रोसैटेलाइट एक्स-सैट का प्रक्षेपण किया जाएगा। यूथसेट उपग्रह का उपयोग तारविज्ञान और वातावरण सम्बंधी अध्यन और एन-सैट का उपयोग चित्रण अनुप्रयोगों के लिए किया जाएगा।
इसरो के प्रकाशन एवं जनसंपर्क निदेशक एस. सतीश ने आईएएनएस से कहा, "सब कुछ ठीक चल रहा है और प्रक्षेपण सुबह 10.12 बजे होगा।"
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